भावनाएं

Children playing
“Bhabnaye” recitation by Sahil Ahmed Mehfuz

कुछ लोग सिर्फ बातो मे याद हे

मिलने कि आज उनसे फुरसत कहा

कुछ जगह अब सिर्फ यादों मे बसी है

उनका वर्तमान मे अस्तित्व कहा

कुछ उमर सिर्फ तस्वीरों में कैद हे

वापस जीने का आज वक्त कहा

कितने ही बाते, अधूरे रह गए

आज उन्हें बोलने की हिम्मत कहा

भूल गए कायियोको, यादों के पहेलियों में

ढूंढने ना निकलो, खुद गुम हो जायेगे

वादा किया था जल्दी ही मिलेंगे, आज सालो गुजर गए

ना हमें फुरसत मिला, ना वक्त जुटा पाए

याद बोहोत आती है आपकी, कल तक तो पास ही थे

लगता जैसे कल ही बात है, आज क्यों अकेले रह गए

वो बचपन भी कितना अनोखा था, घर जैसा एक माहोल था

आज कई टुकड़ों में बिखरे, सबको समेटने की कोशिश कहा

– साहिल अहमद महफूज


bhabnaye भावनाएं
Image taken by Sahil Ahmed Mehfuz

Follow The Interlude for more.

Author

You may also like...

8 Responses

  1. Shahyear Hassan says:

    😳

  2. Riya says:

    Beautiful❤

    • Mehfuz says:

      Thanks for appreciating my efforts 🥺
      If you kept my record, you might notice I improved a lot

  3. Asgar Azwad says:

    This Amazing!

  4. Mohammad Jarif Bulbul says:

    I can’t read hindi but I can understand the language.
    The recitation touched me.
    It’s beautiful and made me nostalgic.

  5. Mohammad Jarif Bulbul says:

    I can’t read Hindi but I can understand the language.
    The recitation touched me, made me feel nostalgic.
    Beautiful Shayri ❤️❤️

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *